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1 करोड़ नौकरियाँ, लखपति दीदियाँ: एनडीए का बिहार मेगा मेनिफेस्टो 2025

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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 'संकल्प पत्र' नामक एक विशाल चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया है और राज्य में हलचल मच गई है! भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई प्रभावशाली नेताओं के नेतृत्व में, इस गठबंधन ने इतना बड़ा विज़न पेश किया है कि यह वायरल होने के लिए तैयार है। छोटे-मोटे बदलावों की तो बात ही छोड़िए; NDA 1 करोड़ नौकरियों के साथ और 1 करोड़ 'लखपति दीदी' बनाने की योजना के साथ बिहार को बदलने का वादा कर रहा है!

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यहाँ उन वादों का एक सरल और साझा करने योग्य विवरण दिया गया है जो बिहार की तस्वीर बदल सकते हैं:


मुख्य वादे: महिलाओं के लिए नौकरियाँ, पैसा और शक्ति
यही सबसे ज़्यादा चर्चा का विषय है और इसे हर जगह साझा किया जा सकता है:

1 करोड़ नौकरियाँ और रोज़गार: बड़े पैमाने पर युवाओं के पलायन वाले राज्य के लिए, यह सबसे बड़ा वादा है। NDA सरकारी नौकरियों और कौशल-आधारित रोज़गार के मिश्रण का वादा करता है। उनकी योजना "कौशल जनगणना" के ज़रिए हर युवा की प्रतिभा का पता लगाने और हर ज़िले को "वैश्विक कौशल केंद्र" बनाने की है। कल्पना कीजिए कि बिहार दुनिया का प्रशिक्षण केंद्र बन जाए!

1 करोड़ 'लखपति दीदी': यह एक बहुत बड़ा महिला-केंद्रित अभियान है। इसका लक्ष्य एक करोड़ महिलाओं को सालाना ₹1 लाख से ज़्यादा कमाने के लिए सशक्त बनाना है। कैसे? मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना के ज़रिए, जो अपना उद्यम शुरू करने वाली महिलाओं को ₹2 लाख तक की आर्थिक मदद देगी। सफल महिलाओं को करोड़पति बनाने के लिए उनके पास 'मिशन करोड़पति' भी है!


घर, स्वास्थ्य और खुशी: 'पंचामृत गारंटी'
एनडीए ज़रूरी सामाजिक कल्याण पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसे उन्होंने 'पंचामृत गारंटी' नाम दिया है - आम आदमी के लिए पाँच सूत्री वादा:

पक्के मकान: वे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए 50 लाख नए पक्के घर बनाने का वादा करते हैं।

मुफ़्त ज़रूरी चीज़ें: इसमें हर घर के लिए मुफ़्त राशन और 125 यूनिट तक मुफ़्त बिजली शामिल है।

स्वास्थ्य सुरक्षा: ₹5 लाख तक के मुफ़्त इलाज का वादा किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी परिवार को अस्पताल के बिल के कारण कंगाल न होना पड़े।


अगले स्तर का बुनियादी ढाँचा: बिहार को दुनिया से जोड़ना
एक ऐसे बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए तैयार हो जाइए जो राज्य के विकास को तेज़ गति देगा:

सुपर-फास्ट यात्रा: योजनाओं में सात नए एक्सप्रेसवे बनाना और 3,600 किलोमीटर रेल पटरियों का आधुनिकीकरण शामिल है। धीमी यात्रा को अलविदा कहें!

वैश्विक हवाई संपर्क: वे प्रमुख शहरों (पटना, दरभंगा, पूर्णिया और भागलपुर) में चार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को उन्नत या स्थापित करने का वादा करते हैं। वैश्विक गंतव्यों के लिए सीधी उड़ानें जल्द ही शुरू हो सकती हैं!

शहरी आधुनिकीकरण: शहरी विकास को संभालने के लिए चार और शहरों में मेट्रो नेटवर्क आ रहे हैं।

उद्योग और तकनीकी केंद्र: बिहार को एक औद्योगिक महाशक्ति बनाने के लिए हर ज़िले में 10 नए औद्योगिक पार्क, एक रक्षा गलियारा, एक सेमीकंडक्टर विनिर्माण पार्क और 100 एमएसएमई पार्क बनने की उम्मीद है। सपना है बिहार को दक्षिण एशिया का कपड़ा और रेशम केंद्र बनाना!


किसान पहले: धन और आधुनिक कृषि
प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता के साथ किसानों पर विशेष ध्यान:

बढ़ी हुई नकद सहायता: एक नई योजना, कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि के तहत, किसानों को सालाना अतिरिक्त ₹3,000 मिलेंगे, जिससे उनकी केंद्र और राज्य सरकार की कुल सहायता बढ़कर ₹9,000 प्रति वर्ष हो जाएगी। मछुआरों के लिए सहायता भी दोगुनी कर दी जाएगी।

गारंटीकृत मूल्य: वे सभी प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी का वादा करते हैं।

व्यापक निवेश: राज्य के कृषि बुनियादी ढांचे में ₹1 लाख करोड़ के निवेश का संकल्प।


शिक्षा और सामाजिक न्याय: सभी के लिए एक उज्जवल भविष्य
घोषणापत्र सुनिश्चित करता है कि शिक्षा और सामाजिक उत्थान प्राथमिकताएँ हैं:

गरीबों के लिए निःशुल्क शिक्षा: आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों के छात्रों के लिए 'केजी से पीजी' (किंडरगार्टन से स्नातकोत्तर) तक निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का वादा, साथ ही स्कूलों में दोपहर के भोजन के साथ पौष्टिक नाश्ता।

उच्च शिक्षा केंद्र: एक 'शिक्षा नगर' बनाने और दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालय परिसरों को आकर्षित करने की योजना।

अनुसूचित जाति/अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के छात्रों के लिए सहायता: उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति (एससी) के छात्रों को ₹2,000 मासिक भत्ता मिलेगा। अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के छात्रों को ₹10 लाख तक की वित्तीय सहायता मिलेगी।


आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत

घोषणापत्र में विरासत पर भी ज़ोर दिया गया है, जिसमें माता जानकी (सीता) की जन्मस्थली को 'सीतापुरम' नामक एक विश्वस्तरीय आध्यात्मिक नगर के रूप में विकसित करने और धार्मिक गलियारे (रामायण, जैन, बौद्ध और गंगा) बनाने का वादा किया गया है।


यह क्यों महत्वपूर्ण है और यह क्यों वायरल होगा

एनडीए का 'संकल्प पत्र' वादों की एक विशाल सूची है जो सीधे बिहार की सबसे बड़ी समस्याओं - बेरोज़गारी, धीमी बुनियादी ढाँचा और महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता की आवश्यकता - पर केंद्रित है।

संख्याएँ बहुत बड़ी हैं - 1 करोड़ नौकरियाँ और 1 करोड़ लखपति दीदी - जिससे इन वादों को याद रखना और साझा करना आसान हो जाता है। इस घोषणापत्र के साथ, एनडीए अभूतपूर्व विकास और भारी वित्तीय सहायता के संदेश पर बड़ा दांव लगा रहा है जिसे मतदाता तुरंत समझ सकते हैं।

समय बीतता जा रहा है! मतदान बस कुछ ही दिन दूर है, यह घोषणापत्र एक बेहद अहम चुनाव की तैयारी कर रहा है, और बिहार के लोगों को वोट डालने से पहले सोचने के लिए वादों की एक लंबी सूची दे रहा है। इन सुर्खियों को अपने फ़ीड पर छा जाने के लिए तैयार हो जाइए!

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